पालतू जानवर (पशु) पर अनुच्छेद । Paragraph on Domestic Animal in Hindi Language!
प्रत्येक देश में पालतू जानवर पाये जाते हैं । हमारे देश में भी बहुत से परिवार घरेलू पशुओं को पालते हैं । घरेलू जानवर बहुत तरह के होते हैं । हर व्यक्ति अपनी रुचि के अनुसार पालतू जानवर चुनता है । पालतू जानवर न केवल आनन्द देते हैं बल्कि वह कुछ मामलों में बहुत उपयोगी भी हैं ।
घरेलू जानवारों की गिनती असंभव है । पंछी जैसे तोता, कबूतर, गौरया एवं मोर इत्यादि घरेलू पक्षियों की गिनती में आते हैं । बिल्ली, कुत्ते, घोड़े, खच्चर एवं गधे भी पाले जाते हैं । इसके अतिरिक्त गाय, भैंसे, खरगोश, हिरन, गिलहरी एवं नेवलों को भी घर में पालतू बना कर रखा जाता है ।
किन्तु प्रत्येक परिवार की पालतू पशु के विषय में अपनी राय एवं रुचि होती है । यूरोपीय देशों में एवं भारत में कुत्ते सबसे आम पालतू पशु हैं । यूरोप के लोगों को कुत्ते रखने का बहुत शौक है । कभी-कभी वह इन्सानों से अधिक कुत्तों की देख-रेख करते हैं । कुत्ते बहुत वफादार होते हैं ।
इसीलिये अधिकतर लोग इन्हें रखना पसन्द करते हैं । कुत्ते रात के समय हमारी जान-माल की रक्षा करते हैं एवं चोरों को डरा कर भगा देते हैं । वह बहुत अच्छे खेल भी खेलते हैं । क्रीड़ा के लिये कुत्तों को उनके मालिकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है ।
लोग बिल्लियाँ एवं नेवले भी पालते हैं । बिल्लियाँ न केवल चूहों को मारती हैं बल्कि मनोरंजन भी उपलब्ध कराती है । किन्तु वह खाने के सामान को संदूषित भी कर देती हैं । मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है । भारत के कुछ राज्यों में मोर आमतौर पर देखे जा सकते हैं । रेतीले इलाकों में वह प्रसन्न रहते हैं ।
मोर एक सुन्दर पक्षी है । राजस्थान में अधिकतर परिवारों द्वारा मोर को पालतू बना कर रखा जाता है । गाय एवं भैंसे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है । धार्मिक आधार पर भी भारत में गाय की पूजा की जाती है । हिन्दु इसे ‘गौ माता’ कहते हैं । गाय का दूध बहुत उपयोगी होता है ।
इसके गोबर का प्रयोग ईंधन एवं खाद के लिये किया जाता है । इसके मूत्र का प्रयोग दवाइयों में होता है । कुछ लोग इसका मांस खाते हैं । उन्हें गौ मास भक्षी कहते हैं । पर अधिकतर लोग गाय के मांस का भक्षण पाप मानते हैं । भारत में घोड़े भी बहुत पाये जाते हैं ।
चूंकि वह बहुत तेज दौड़ते हैं इसलिये इनका प्रयोग सवारी एवं यातायात के लिये किया जाता है । प्राचीन काल में लड़ाइयों में घोड़ों का प्रयोग किया जाता था । क्योंकि उन दिनो रेल गाड़ियाँ एवं हवाई जहाज नहीं होते थे । कुछ रेस लगाने वाले भी घोड़े पालते हैं । वही गांवों में धनी लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिये घोड़ों का प्रयोग करते हैं ।
खच्चर एवं गधे भी पाले जाते हैं । उन्हें बोझ उठाने के लिये प्रयोग किया जाता है । उन्हें बोझ ढ़ोने वाला जानवर कहते हैं । कुछ लोग पक्षियों, खरगोश, हिरन एवं कबूतरों को अपने घरों में पालते हैं । यह पालतू जानवर बहुत आन्नद प्रदान करते हैं । पंछियों की चहचाहट मालिकों का मनोरंजन करती है । तोता सबसे अधिक प्रिय पक्षी है ।
इसे इन्सान की तरह बोलने का प्रशिक्षण दिया जा सकता है । कुछ लोगों द्वारा बन्दरों को भी घर में रखा जाता है । इनकी हरकतें एवं नकल करने की आदत लोगों को रोमान्वित करती है । हम घरेलू पालतू जानवरों से बहुत कुछ सीख सकते हैं । हम उनकी खान-पान की आदतों, आवाजों एवं पसन्द-नापसन्द के विषय में जानकारी हासिल कर सकते हैं ।
इसके अतिरिक्त वह बहुत सी खुशियाँ देते हैं और बहुत से लोगों के लिये यह समय बिताने का एक साधन है । कुछ लोगों को पालतू जानवर रखने का शौक होता है । उनका रखरखाव एवं पालन-पोषण एक मंहगा सौदा है । उनके पालन-पोषण के लिये पूरी निष्ठा की आवश्यकता है अन्यथा वह कुपोषण एवं रोग ग्रस्त होकर मर जायेंगे ।
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