आदर्श अध्यापक पर अनुच्छेद । Paragraph on An Ideal Teacher in Hindi Language!
श्री सुरेन्द्र मेहता एक आदर्श अध्यापक हैं । श्री मेहता 35 वर्ष के युवा व्यक्ति हैं जो एक स्वस्थ शरीर में एक स्वस्थ मस्तिष्क के धारक हैं । वह वास्तव में एक विद्वान एवं बौद्धिक व्यक्ति हैं । वह ज्ञान एवं बुद्धि के भंडार हैं । मुझे आश्चर्य होता है कि उन्होंने इतना ज्ञान कहां से अर्जित किया है ।
कक्षा में वह अतिनियमनिष्ठ एवं अनुशासक होते हैं । वह निष्कपटता एवं उत्साह से पढ़ाते हैं । वह प्रत्येक विद्या के सन्तुष्ट होने तक उसे समझाते हैं । उनका अध्यापन का तरीका बहुत अच्छा है । उनके ठोस तर्क सरल स्पष्टीकरण एवं सुगठित विचार ही विद्यार्थी को उनकी बात सुनने के लिये बाध्य कर देते हैं ।
वह कक्षा को जीवन्त बनाये रखते हैं एवं वातावरण को हल्का फुल्का । वह कक्षा में नीरसता एवं आलस्य नहीं छाने देते । उनकी विनोदपूर्ण उक्तियां आनन्ददायक होती हैं । इसके अतिरिक्त वह एक अच्छे खिलाड़ी हैं और स्वीकृत धावक भी हैं । इसीलिये वह खेलों में भी बहुत अधिक रुचि रखते हैं ।
वह विद्यार्थियों को सदैव अनुदेश देते हैं कि ”पढ़ने के समय पढ़ो एवं खेलने के समय खेलो” । वह एक अच्छे वक्ता हैं एवं अपनी वाकपटुता से श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर देते है । वह कई विषयों के विशेषज्ञ हैं किन्तु अंग्रेजी साहित्य में उनका ज्ञान इतना गहरा एवं विस्तृत है कि विद्यार्थी एवं सहअध्यापक उनका लोहा मानते हैं ।
वह एक परिश्रमी (मेहनती) अध्यापक हैं एवं अध्यापन कार्य को पूरी निष्ठा से करते हैं वह विशिष्ट शैली के व्यक्ति हैं । रस्किन के अनुसार ‘विशिष्टता ही व्यक्तित्व’ है । उनकी सरल सुबोध भाषा गहन ज्ञान एवं विषय की मजबूत पकड उन्हें हमारे संस्थान का सबसे अधिक प्रिय अध्यापक बनाती है । वह गरीब मेधावी छात्रों के प्रति अधिक सहानुभूति रखते है ।
विद्यार्थी उनके गुणों एवं उच्च चरित्र के कारण उनका सम्मान करते हैं एवं उन्हें स्नेह करते हैं । स्वतन्त्रता दिवस एव गणतन्त्र दिवस पर उनके व्याख्यान बहुत प्रेरित करने वाले एव विचारोत्तेजक होते हैं । उनकी बुद्धि एव विद्वता चर्चा का विषय है ।
निष्कर्षत:
श्री मेहता केवल एक आदर्श अध्यापक ही नहीं अपितु एक दार्शनिक मित्र एवं पथप्रदर्शक भी हैं ।
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