एक संग्रहालय का भ्रमण पर अनुच्छेद । Paragraph on “Visit to a Museum” in Hindi Language!
एक सग्रहालय पुरावस्तुओं का खजाना होता है । यहा एक राष्ट्र की संस्कृति एवं सभ्यता की ऐसी वस्तुयें एवं अवशेष रखे जाते हैं जो न केवल उसके ऐतिहासिक परिदृश्य पद्धति एवं सभ्याचार को प्रतिबिम्बित करते हैं बल्कि उसके धार्मिक स्मृति-चिन्हों तथा उसकी कला एवं वास्तुशिल्प से भी अवगत कराते हैं ।
एक संग्रहालय एक राष्ट्र के प्राचीन काल का एक लघु प्रतिबिम्ब है । वह राष्ट्र के भिन्न-भिन्न रीतिरिवाजों परम्पराओं एवं रूढ़ियों का सजीव चित्र प्रस्तुत करता है । मुझे दिल्ली के प्रसिद्ध ऐतिहासिक राष्ट्रीय संग्रहालय को देखने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ । संग्रहालय की इमारत राजसी एवं मजबूत है ।
इसमें विभिन्न भाग हैं जिनमें भिन्न-भिन्न विषयों एवं इतिहास की विभिन्न कालावधियों के बारे में देखने को मिलता है । मैंने बहुत सी रुचिकर वस्तुयें, मूर्तियों, शिल्प कलाकृतियां एवं बहुत कीमती ऐतिहासिक महत्व का सामान देखा । संग्रहालय को विभिन्न विभागों जैसे मानवशास्त्रीय विभाग पुरातत्वीय विभाग एवं प्रर्दशन विभाग, इत्यादि में विभाजित किया गया है ।
तत्पश्चात् मैं प्रथम तल पर गया जहाँ अन्य सामान के साथ-साथ कई रेखाचित्र, पेन्टिंग एवं भिन्न-चित्र रखे थे । कई भाषाओं की पाण्डुलिपियां (हस्तलिपियां) रखी गयी हैं । वहा कई पुरातन वस्त्र वेषभूषायें एवं हथियार दिखाये गये है । वहीं एक किनारे एक मुद्रविषयक विभाग है । जिसमें भिन्न-भिन्न कालावधियों के सिक्के रखे हुये हैं ।
अन्य विभागों में ऐतिहासिक अजन्ता एवं एलोरा गुफाओं की पेंटिंग देखते ऑमोद-प्रमोद की तरंग में प्रेमी युगलों को देखा जा सकता है । इसी के एक ओर भगवान राम श्री कृष्ण एवं महात्मा बुद्ध के जीवन दर्शन को विभिन्न तस्वीरों एवं मूर्तियों के माध्यम से समझा जा सकता है । इस विभाग को देखने पर कोई भी दर्शन कर सकता है ।
द्वितीय तल पर इन्डास वैली (घाटी) सभ्यता के अवशेष देखे जा सकते हैं । हड़प्पा एवं मोहन जोदड़ो की खुदाई से प्राप्त टूटे घड़े, मनके, खिलौने, रंगबिरंगे पत्थर एवं खोपड़ी से उस समय की सभ्यता के विषय में पता चलता है कि उस समय की सभ्यता कितनी विकसित थी ।
तृतीय तल पर सामरिक प्रयोग का समान है । वहा पर तलवारें एवं न्यानें हैं, बरछे-भाले हैं, कतर-ब्योत हैं, ढाल एवं कवच हैं । पुराने समय के जनरल (सेनापति) एवं कमाण्डर की विभित्र वर्दियां हैं । संग्राहलय के इस भाग को देखकर मैं रोमांचित हो गया एवं हमारे पुराने समय के वीरों एवं वीरांगनाओं के अस्त्र-शास्त्रों को देखकर मुझे प्रेरणा मिली ।
मोटे तौर पर सम्पूर्ण संग्रहालय भारत के महान लोगों नीति वचनों, ऐतिहासिक तथ्यों, प्रलोभनों, अनुश्रतियों जो भारतीय जीवन एवं साहित्य के सप्तक से सम्बन्धित हैं, चाहे वह कवि हैं या लेखक हैं, नर्तक हैं अथवा नाटककार हैं गीतकार हैं अथवा मूर्तिकार वैज्ञानिक हैं अथवा कानून विज्ञ अथवा कोश कार है अथवा संगीतकार या डाक्टर यहा सभी की रुचि का सामान है ।
ये संग्रहालय का भ्रमण बहुत रोमांचक अनुभव था । मैंने वहा जो देखा वो मेरे जीवन के मूल्यवानों अनुभवों में से एक है । मैं भारत के पुरातव गौरव के विस्तृत संग्रह को देखकर गौरान्वित हो गया । संग्रहालय के सुन्दर संयोजन ने मेरे हृदय पर एक अमिट छाप छोड़ी है ।
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