शहर, जिसमें मैं रहता हूँ । Paragraph on “The City in which I live” in Hindi Language!
मुगल अपनी राजधानी आगरा से बदल कर दिल्ली ले आये क्योंकि वह इसके किनारे बहती युमना की रमणीयता का आननद उठाना चाहते थे । हमें वह दृश्य स्मरण है जब नूरजहां अपने ‘अपने दिवाने खास’ की खिड़की में खड़ी होकर बाल सुखा रही थी कि एक धोबी की लोलुप दृष्टि उस पर पड़ी और उसे अपनी जान गंवानी पड़ी ।
नूरजहाँ के कमान से निकला तीर उसके दिल को भेदता हुआ निकल गया और वह वहीं ढेर हो गया हो गया । उसके रिश्तेदारों ने न्याय की सुनहली जंजीर खीचीं जिससे जहांगीर हिल गया । सम्राट ने तुरन्त नूरजहाँ का सिर कलम करने के आदेश दे दिए । उनके दरबारियों के बीच बचाव करने पर ही उनकी जिन्दगी बचाई जा सकी ।
यह मिर्जा गालिब का भी शहर है जो उर्दू के महान शायर थे । लाल किले में एक सग्रहालय है जो हमें मुगल शासन काल के दौर एवं उसके पश्चात् के लोगों के रहन-सहन के बारे में बताता है । जामा मस्जिद में अल्लाह पर भरोसा करने वाले नमाज के लिये इकट्ठे होते हैं । यह मस्जिद पुरानी दिल्ली में है ।
किन्तु दिल्ली का एक अन्य रूप भी हे जो अंग्रेजों ने अपनी राजधानी बना कर उसे दिया । लार्ड लेटिन ने विशाल ऐतिहासिक इमारतों को बनावट का अध्ययन किया और उन्हें भारतीय परम्पराओं के अनुसार बदलने का प्रयास किया ।
संसद भवन सुन्दर खम्बों से बनी एक भव्य इमारत है । इमारत वृताकार है । एवं इसके हर ओर गेट है । आधुनिक निर्माण कला का एक अन्य नमूना है राष्ट्रपति भवन । इण्डिया गेट एवं केन्द्रिय सचिवालय इसके स्वरूप में चार चाँद लगाते हैं । देश के हर भाग से आकर लोग यहां बस गये हैं ।
वह प्रत्येक को राष्ट्रीय एकता का पाठ पढ़ाते हैं । उनका दृष्टिकोण सार्वभैमिक है । पिछले दस वर्षों में प्रत्येक राज्य से स्थानन्तरण प्रारम्भ हो गया है । जो किसी जगह सुरक्षित महसूस नहीं करते वह इस शहर में आ जाते हैं । यहां जनसख्या पूर्ण विस्फोट के बिन्दू पर हैं एवं इतनी बड़ी जनसंख्या को पूर्ण सुख-सुविधायँ उपलब्ध नहीं करायी जा सकतीं ।
इसकी जनसंख्या आज 3 करोड़ से अधिक है । सांय काल जब सड़कों पर सर्वाधिक यातायात होता है हर जगह ‘ट्रैफिक जाम’ का दृश्य देखने को मिलता है । लोग अवमन्दक की तरह डी.टी.सी. में भरे रहते हैं । इस सब कमियों के रहते हुये भी मुझे यहीं रहना पसन्द है, मैं कही और जाकर रहने की सोच भी नहीं सकता ।
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