एक रेल दुर्घटना पर अनुच्छेद । Paragraph on “A Train Accident” in Hindi Language!
पिछले कुछ महीनों में बहुत सी रेल दुर्घटनायें हुई । इनसे होने वाले जीवन की हानि बहुक विशाल थी । जुलाई में ही रेलवे स्टेशन के निकट फ्रन्टीयर मेल एवं बॉम्बे एक्प्रेस की भयंकर टक्कर हुई । यह दुर्घटना सुबह के प्रारम्भिक घंटों में हुई ।
जब दोनों गाड़ियाँ आपस में भिड़ी तो बहुत तेज आवाज हुई । हर व्यक्ति इस आवाज को सुनकर स्तब्ध रह गया । शीघ्र ही यह खबर फैल गयी कि दो गाड़ियों की टक्कर हुई है । जो जिस हाल में था वैसे ही दुर्घटना स्थल पर पहुँच गया । दुर्घटना-स्थल का दृश्य अत्यन्त करूण एवं विवाद पूर्ण था ।
फन्टीयर मेल का इंजन बॉम्बे एक्सप्रेस के इंजन को चीरता हुआ बॉम्बे एक्सप्रेस के डिब्बों में घुस गया था । दोनों गाड़ियों की जानमाल की बहुत हानि हुई थी । जीवित यात्री दुर्घटना के झटके से दहशत में आ गये थे । कुछ तो दब कर प्राण गंवा चुके थे और कुछ बुरी तरह घायल अवस्था में कराह रहे थे । सभी ओर से रोने कराहने की आवजें आ रही थीं ।
स्त्री पुरुष बच्चे सभी सहायता के लिये पुकार रहे थे । कुछ व्यक्ति अपनी टांगे खो चुके थे कुछ के हाथ कट गये थे कुछ को समझ ही नहीं आ रहा था कि यह: सब खून कहाँ से बह रहा है । यह दृश्य देखना बहुत कठिन लग रहा था । सामान इधर-उधर टूटा-बिखरा पड़ा था । जीवित व्यक्ति अपने सम्बन्धियों को ढूंढ रहे थे ।
घायल एवं पीड़ित यात्रियों के लिये चिकित्सा की व्यवस्था की जाने लगी । एम्बूलैंस एवं गाड़ियाँ घायलों को अस्पताल ले जाने में जुट गयीं । घायलों को प्राथीमक चिकित्सा दी जाने लगी । जो अधिक घायल थे उन्हें अस्पताल पहुँचाया जा रहा था जिन्हें सौभाग्य से कम चोट आयी थी उन्हें वहीं पर दवाई लगाकर पट्टी बाँध रहे थे ।
दुर्घटना के पास के निवासी घायलों के लिये दौड़-दौड़ कर पानी एवं खाने, पीने के सामान उपलब्ध करा रहे थे । लाशों के ढेर लगे हुये थे जीवित व्यक्ति भी संशंकित थे कि बचने का हर्ष मनायें या दुर्घटना का शोक । जिन्हें भी अपने मित्रों सम्बन्धियों के दुर्घटना ग्रस्त होने का समाचार मिल रहा था वह दौड़े चले आ रहे थे ।
पूरे दुर्घटना स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल था । कहीं घायल थे कहीं डॉक्टर नर्सें सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं घायलों के सम्बन्धी सभी सक्रिय हो उठे थे । दिल दहलाने वाला यह एक विषाद पूर्ण दृश्य था । दुर्घटना का कारण सिगनल मैन द्वारा गलत सिगनल दिया जाना था । भारतीय रेल मंत्रालय के इतिहास की यह सबसे भंयकर रेल दुर्घटना थी ।
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